हिमाचल सामयिकी
26 नवंबर, 2020
विषय: – विज्ञान और तकनीक
खबर क्या है?
- हिमाचल के मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर ने अपने अधिकारियों को COVID वैक्सीन के रख-रखाव तथा परिवहन के लिए आवश्यक कोल्ड चेन उपकरणों की एक सूची तैयार करने को कहा है। यह सूची केंद्र सरकार को सौंपी जानी है।
कोल्ड चेन क्या होता है?
- कुछ खाद्य उत्पादों और दवाओं को विशिष्ट कम तापमान पर रखने की आवश्यकता होती है, अन्यथा वे अपने गुणों को खोना शुरू कर देती हैं, और अपने उद्देश्य को पूरा करने में सक्षम नहीं हो पति तथा स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकती हैं।
- दवा उद्योगों में कोल्ड चेन के लिए सामान्य तापमान सीमा 2 से 8 ° C (36 से 46 ° F) है।
- इसलिए उनका प्रभाव और उपयोगिता बनाए रखने के लिए उन्हें एक विशिष्ट निम्न तापमान पर रखा जाता है और ले जाया जाता है। आवश्यक तापमान को बनाए रखने की प्रक्रिया और उपकरण को कोल्ड चेन या कूल चेन के रूप में जाना जाता है।
- पोर्टेबल आइस बॉक्स का इस्तेमाल बहुत कम मात्रा में छोटी वस्तुओं को ले जाने के लिए किया जाता है जिन्हें हाथ या कंधों में लटकाकर ले जा सकते हैं।
उदाहरण के लिए: परिवहन करने के लिए वातानुकूलित ट्रक वैन, रेलवे बोगी, जहाज और हवाई जहाज हैं का उपयोग किया जाता है ।
- वस्तुओं में दूध और दूध से बने उत्पाद, फल और सब्जियां, कुछ वैक्सीन जैसे COVID वैक्सीन आदि शामिल हो सकते हैं, COVID वैक्सीन के लिए अल्ट्रा-कोल्ड स्टोरेज और परिवहन की आवश्यकता हो सकती है जिसका तापमान -70 ° C (°94 ° F) हो सकता है।
स्वास्थ्य देखभाल में कौन से कोल्ड-चेन उपकरणों का उपयोग किया जाता है?
स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली के विभिन्न स्तरों पर आवश्यक तापमान पर वैक्सीन के परिवहन और भंडारण के लिए विभिन्न उपकरणों की आवश्यकता होती है।
- केंद्रीय और क्षेत्रीय पर ठंडे कमरे, फ्रीजर, रेफ्रिजरेटर और परिवहन के लिए कोल्ड बॉक्स की आवश्यकता होती है।
- जिला स्तर पर स्टोर में फ्रीजर, रेफ्रिजरेटर और कोल्ड बॉक्स की आवशयकता है।
- स्वास्थ्य केंद्रों में रेफ्रिजरेटर, कोल्ड बॉक्स और वैक्सीन वाहक की आवश्यकता होती है।
कोल्ड चेन की अवधारणा कहाँ से उत्पन्न हुई?
- 1938 में, फ्रेडरिक मैककिनले जोन्स और जोसेफ ए ने अमेरिका में इसका आविष्कार किया था।
भारत में कोल्ड चेन की स्थिति क्या है?
- 2018 में भारतीय कोल्ड चेन बाजार का मूल्य INR 1,121 बिलियन था। यह बाजार 2024 तक INR 2,618 बिलियन तक पहुंचने का अनुमान है, 2019-2024 के दौरान यह 14.8% की एक वार्षिक वृद्धि दर पर बढ़ रहा है।
- केंद्र सरकार की ओर से 27 नई एकीकृत कोल्ड चेन परियोजनाओं को एकीकृत कोल्ड चेन और प्रधानमंत्री किसान योजना (पीएमकेएसवाई) के मूल्यवर्धित बुनियादी ढांचे के लिए योजना के तहत 743/- करोड़ रूपय की मंजूरी दी गई है। परियोजनाओं से दो लाख से अधिक किसानों को लाभ होगा।
- खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय सामान्य क्षेत्रों के लिए 35% की दर से और उत्तर-पूर्वी राज्यों, हिमालयी राज्यों और द्वीपों के लिए 50% की दर से वित्तीय सहायता (अनुदान सहायता) प्रदान करेगा।
(स्रोत: -द ट्रिब्यून)
(स्रोत:manufacturingtodayindia)
विषय: – हिमाचल की अर्थव्यवस्था
खबर क्या है?
- हिमाचल के शहर सुंदरनगर में स्थापित कंपनी HAX मैग्नेट ने ISRO के लिए मैग्नेटिक रिंग बनाने का अनुबंध हासिल किया।
कैसे होगा फायदा?
- यह विशेष रूप से स्थानीय और हिमाचल के निवासियों को रोजगार सृजन में मदद करेगा।
- उद्योग का कामकाज से राज्य को जीएसटी, आदि के रूप में राजस्व प्राप्त होगा।
- हिमाचल में अपने संयंत्र को स्थापित करने के लिए अधिक निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा, इस प्रकार राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर राज्य को अधिक महत्व प्राप्त होगा।
हिमाचल का औद्योगिक विकास और आर्थिक विकास?
- मौजूदा समय में, हिमाचल प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद 2020-21 में 1.82 ट्रिलियन रुपये तक पहुंचने का अनुमान है।
- 2019-20 में राज्य की प्रति व्यक्ति जीएसडीपी (GSDP) रु. 225,839 थी। जीएसडीपी 2015-16 और 2020-21 के बीच 9.76 प्रतिशत की एक वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) में वृद्धि करेगा। अन्य (tertiary) क्षेत्रों में 2011-12 और 2019-20 के बीच 12.02 प्रतिशत की CAGR (Compound Annual Growth Rate) में सबसे तेज वृद्धि देखी गई।
- वर्ष 2019 में हिमाचल प्रदेश में 345 करोड़ रुपये के प्रस्तावित निवेश के साथ 15 निवेश किए गए।
- 41 औद्योगिक क्षेत्र और 15 औद्योगिक संपदाएं उद्यमियों को बुनियादी ढाँचा सहायता प्रदान करने के लिए विकसित हुई हैं। आकर्षित किए गए निवेश के मामले में सोलन, सिरमौर, कांगड़ा और ऊना जिले प्रमुख हैं।
(स्रोत: -द ट्रिब्यून)
राष्ट्रीय समाचार
विषय: – भारतीय राजव्यवस्था
क्या समाचार है?
- भारत ने आज 72 वां संविधान दिवस मनाया।
भारत का संविधान कब अपनाया गया था?
- 26 नवंबर 1949 को, भारत के संविधान को प्रस्तावना, 395 लेख और 8 अनुसूचियों के साथ अपनाया गया था। डॉ. बी.आर अम्बेडकर उस समय कानून मंत्री थे।
भारत का संविधान कैसे अस्तित्व में आया?
- संविधान बनाने के उद्देश्य से, संविधान सभा की स्थापना की गई थी। 9 दिसंबर, 1946 को संविधान सभा ने अपनी पहली बैठक आयोजित की। प्रथम बैठक में 211 सदस्य उपस्थित थे। फ्रांसीसी पद्दती के अनुसार डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा को संविधान सभा का अस्थायी अध्यक्ष चुना गया।
- बाद में डॉ. राजेंद्र प्रसाद को संविधान सभा के स्थायी अध्यक्ष के रूप में चुना गया, और 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू होने के बाद, उन्होंने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली।
- 13 दिसंबर 1946 को, जवाहर लाल नेहरू ने संविधान सभा में उद्देश्य प्रस्ताव को रखा, जो बाद में संशोधित हुआ और भारतीय संविधान की प्रस्तावना बन गया।
- संविधान बनाने के कार्य में कई समितियों का गठन किया गया था, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण समिति मसौदा समिति (Drafting committee) थी, जिसे नए संविधान का प्रारूप तैयार करना था। इसका गठन 29 अगस्त, 1947 को हुआ था और डॉ. बी.आर अम्बेडकर 6 अन्य सदस्यों के साथ इसके अध्यक्ष बने।
- बहुत सी चर्चाओं और संशोधन के बाद 26 नवंबर, 1949 को भारत का संविधान अपनाया गया था। परंतु इसे लागू 26 जनवरी, 1950 की किया गया।
विशेष रूप से 26 जनवरी क्यों?
- भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में इस दिन का ऐतिहासिक महत्व है। क्योंकि इस दिन 26 जनवरी, 1930 को पूर्ण स्वराज दिवस मनाया गया था।
(स्रोत: ओपन सोर्स)
विषय: – रक्षा और प्रौद्योगिकी
क्या समाचार है?
- भारत ने एक साल की लीज पर अमेरिका स्थित कंपनी से दो सशस्त्र ड्रोन प्राप्त किए, जिन्हें एलएसी के साथ चीनी घुसपैठ के खिलाफ तैनात किया जा सकता है। नौसेना को “सी गार्डियन” प्राप्त हुआ है, जो अमेरिकी नौसेना द्वारा उपयोग किया जाने वाला एक प्रकार का ड्रोन है।
इन ड्रोन में क्या खास है?
- ये ड्रोन, 30 घंटे से अधिक तक उड़ान भर सकते हैं और लाइव छवियों और वीडियो को रिले कर सकते हैं
- इनमें मल्टी-मोड रडार लगा है जो निगरानी के लिए इस्त्माल किया जाता हैं जो कई लक्ष्यों को ट्रैक करता है
- इन्हें पनडुब्बी रोधी हथियारों से लैस किया जा सकता है और निगरानी के तहत एक क्षेत्र की जांच के लिए भी लॉन्च किया जा सकता है
ड्रोन क्या है?
- ड्रोन एक मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) है, अर्थात यह मानव रहित होता है
- ड्रोन ज्यादातर सैन्य कार्यों में उपयोग किए जाते हैं, उनका उपयोग अंतरिक्ष अनुप्रयोग में भी किया जाता है। सैन्य और नागरिक दोनों अवस्थाओं मैं आवश्यक वस्तुओं को वितरित करने में भी काम आत है।
ड्रोन कैसे काम करते हैं?
- क्यों की ये मानव रहित होते हैं, इन्हें रिमोट के जरिए पायलटों द्वारा जमीन से नियंत्रित किया जाता है। वे गैर-जीवाश्म शक्ति पर चलते हैं।
- ड्रोन रडार, सेंसर, कैमरा आदि से लैस होते हैं जो उड़ान नियंत्रण में मदद करते हैं, चित्र लेते हैं और लाइव वीडियो बनाते हैं।
(स्रोत: द ट्रिब्यून एचपी)
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