17 जून 2022
विषय: जल योजना
महत्व: हिमाचल एचपीएएस प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा
खबर क्या है?
- शहरी विकास मंत्री ने गिरि जल परियोजना का किया निरीक्षण
गिरि जल परियोजना के बारे में:
जिला सिरमौर में गिरी परियोजना
- गिरि सिंचाई परियोजना हिमाचल प्रदेश के सिंचाई और जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा हाथ में ली गई अपनी तरह की पहली प्रतिष्ठित परियोजना थी।
- इस परियोजना की परिकल्पना वर्ष 1977-78 के दौरान 5263 हेक्टेयर को कवर करने के लिए की गई थी। शुरुआत में इसकी अनुमानित लागत 4.16 करोड़ रुपये थी। यह परियोजना 1981-82 के दौरान 8.23 करोड़ रुपये की लागत और 5263 हेक्टेयर क्षेत्र में पूरी हुई थी। सिंचाई के तहत लाया गया था।
(स्रोत: द ट्रिब्यून)
विषय: मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना
महत्व: हिमाचल एचपीएएस प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा
खबर क्या है?
- “मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना” ने लाखों महिलाओं को आत्मनिर्भरता की राह दिखाई।
इसकी घोषणा कब की गई थी?
- मुख्यमंत्री ने वर्ष 2022-23 का वार्षिक बजट अनुमान पेश करते हुए स्वयं सहायता समूहों की लाखों महिलाओं को आजीविका और स्वरोजगार संबंधी गतिविधियां उपलब्ध कराने और उद्यमिता बढ़ाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना शुरू करने की घोषणा की।
मुख्य उद्देश्य:
- इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण विकास विभाग के तहत गठित महिला स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाना है।
- योजना के तहत स्वयं सहायता समूहों को आजीविका गतिविधियों को शुरू करने और उद्यमिता बढ़ाने के लिए अतिरिक्त परिक्रमा (रिवाल्विंग फंड) प्रदान की जाएगी, ताकि उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा सके।
अन्य प्रावधान:
- स्वयं सहायता समूहों की लाखों महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से उनका प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत पंजीकरण किया जाएगा।
- खास बात यह है कि इन बीमा योजनाओं के वार्षिक प्रीमियम का भुगतान राज्य सरकार वहन करेगी।
- हिमाचल प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत प्रशिक्षित सामुदायिक संसाधन व्यक्तियों के मानदेय में वृद्धि कर उन्हें योजना को जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
10 हजार स्वयं सहायता समूहों को प्रति समूह 25 हजार अतिरिक्त परिक्रामी निधि :
- वित्तीय वर्ष 2022-23 में ग्राम संगठनों से जुड़े लगभग 10 हजार स्वयं सहायता समूहों को प्रति समूह 25,000 रुपये की अतिरिक्त परिक्रमा राशि (रिवाल्विंग फंड) प्रदान की जाएगी।
- इसके अलावा ग्रामीण विकास विभाग के तहत गठित स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में शामिल किया जा रहा है।
- राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत प्रशिक्षित और काम करने वाले सामुदायिक संसाधन व्यक्ति; कृषि सखी, पाशु सखी, कृषि उद्योग सखी, वित्त सखी, बैंक सखी आदि का मानदेय 350 रुपये प्रतिदिन से बढ़ाकर 500 रुपये प्रतिदिन किया जाएगा।
- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत श्रेणी-I जिलों (अन्य 8 जिलों) जैसे शिमला, मंडी, कांगड़ा और ऊना में भी अतिरिक्त ब्याज सबवेंशन प्रदान किया जाएगा, ताकि इन जिलों में भी स्वयं सहायता समूहों को 4 प्रतिशत।
- बैंकों से ऋण उपलब्ध कराना। भारत सरकार द्वारा श्रेणी-2 जिलों में ब्याज सबवेंशन देने के बाद, जो भी अतिरिक्त ब्याज सबवेंशन देय होगा, वह राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा:
- मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना के तहत प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत स्वयं सहायता समूहों की सभी पात्र महिलाओं को शामिल करने के लिए राज्य स्तर पर जीवन है अनमोल अभियान चलाया गया।
- 15 अप्रैल, 2022 को हिमाचल दिवस से शुरू होकर 25 दिनों तक चले इस अभियान के दौरान स्वयं सहायता समूहों की लगभग 2.20 लाख महिलाओं को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और 1.85 लाख महिलाओं को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत पंजीकृत किया गया है।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा और 2 लाख रुपये का जीवन बीमा का लाभ मिलेगा। - इन योजनाओं के तहत पंजीकरण के बाद प्रीमियम भुगतान का खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
- ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर जी का कहना है कि मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना के तहत आसान व कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध होने से स्व-सहायता समूहों को स्वरोजगार गतिविधियों को शुरू करने और उद्यमिता बढ़ाने में मदद मिलेगी, जबकि ग्रामीण महिलाएं स्वयं सहायता करेंगी।
- यह योजना क्लस्टरों के विकास से गांवों की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में भी कारगर साबित होगी।
(स्रोत: सीएमओ हिमाचल)
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